1. ब्रह्मचारी काम पर विजय पाकर ही अपने व्रत का पालन करते हैं ।
1. नेत्र का विषय रूप व कान का विषय शब्द है ।
1. कभी-कभी सूरदास के पदों का अर्थ निकालना मुश्किल हो जाता है ।
1. इस झगड़े का कारण क्या है । / धुएँ का निमित्त आग है । / आप इसी बहाने हमारे घर तो आए ।
1. धन-दौलत का उपयोग अच्छे कार्यों में ही करना चाहिए ।