1. श्याम रात को ग्यारह बजे तक पढ़ता है । / जाड़े में रात्रिमान बड़ा होता है ।
1. "रात यूं दिल में तेरी खोई हुई याद आई जैसे वीराने में चुपके से बहार आ जाए जैसे सहराओं में हौले से चले बादे-नसीम जैसे बीमार को बेवजह करार आ जाए ।"
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Khushwant Singh, Khushwantnama: Mere Jiwan ke Sabak